Chuna Khane ke Fayde

भारत के जो लोग चुने से पान खाते है, बहुत होसियार लोग है पर तम्बाकू नही खाना, तम्बाकू जहर है और चुना अमृत है.. तो चुना खाइए तम्बाकू मत खाइए और पान खाइए चुने का उसमे कत्था मत लगाइए, कत्था कैंसर करता है, पान में सुपारी मत डालिए सोंट डालिए उसमे, इलाइची डालिए, लोंग डालिए, केशर डालिए य ये सब डालिए पान में चुना लगाके पर तम्बाकू नही, सुपारी नहीं और कत्था नही ।

1:- चुना (Chuna)ठीक करता है।

महिलाओं के लिए गर्भाशय की बीमारीयों में यह बहुत अच्छा काम करता है जैसे कि सफेद पानी आना, लाल पानी आना, माहवारी आगे-पीछे होना, गर्भाशय में गांठ बन जाना तथा अन्य सभी गर्भाशय से जुड़ी बीमारीयों को चुना  ठीक करता है। बाल टॅटना, चेहरे के मुहांसे, हड्डी के टूटने पर, जोड़ों के दर्द में, हीमोग्लोबिन का प्रतिशत कम हो तो, हैपेटाईटिस A, B, C, D, E, स्मरण शक्ति कम हो तो, हाथी पैर हो गया तो इन सब बीमारीयों में चुना दही में अथवा पानी में मिला कर लेना चाहिये। पुरुषों में शुक्राणु बढ़ाने के लिए चुना गन्ने या संतरे या मौसम्मी के रस में लेना चाहिए।

2 :-हारश्रृंगार के पत्तों का काढ़ा

14 साल से कम आयु के बच्चे जिनका कद छोटा हो, महिलायें जिनमें वक्ष का कम विकास हो, दांतों की किसी भी तरह की समस्या, इन सबमें में चने (Chuna) का सेवन करना लाभदायक है। मात्राः एक गेहूँ के दाने के बराबर दिन में एक बार जोड़ों का दर्द यदि बहुत पुराना हो भूले 20 साल या 30 साल पुराना हो या जब डॉक्टर कहे कि घुटने बदलने पड़ेगें उस समय चुना काम नहीं करेगा। उसको चने की जगह हारश्रृंगार के पत्तों का काढ़ा देना पड़ेगा। हारश्रृंगार को पारीजात भी कहते हैं। इसमें सफेद रंग के छोटे फूल होते हैं जिनकी नारंगी रंग की डंडी होती है। इसके फूलों में बहुत तेज खशब होती है। इस पेड़ के 7-8 पत्तों को बारीक पीस कर चटनी जैसा बनाकर एक गिलास पानी में उबालें, आधा गिलास रह जाने पर सुबह खाली पेट पी लें। तीन महीने में यह समस्या बिल्कुल ठीक हो जायेगी। किसी भी तरह का बुखार होने की स्थिति में भी यह काढ़ा काम करता है। उस स्थिति में 7-8 दिन ही देना है। 

नोटः – पथरी की बीमारी के मरीज चुना नहीं ले सकते।

3 :- हृदय ब्लॉक का आयुर्वेदिक इलाज​

(1) दोस्तो अमेरिका की बड़ी बड़ी कंपनिया जो दवाइया भारत में बेच रही है! वो अमेरिका में 20-20 साल से बंद  है ! आपको जो अमेरिका की सबसे खतरनाक दवा दी जा रही है ! वो आज कल दिल के रोगी (Heart Patient) को सबसे दी जा रही है !! भगवान ना करे कि आपको कभी जिंदगी में दिल का दौरा आए ! लेकिन अगर आ गया तो आप जाएँगे डाक्टर के पास !

(2) और आपको मालूम ही है एक एंजियोप्लास्टी आपरेशन आपका होता है ! एंजियोप्लास्टी आपरेशन में डाक्टर दिल की नली में एक स्प्रिंग डालते हैं ! उसको स्टंट कहते हैं ! और ये स्टंट अमेरिका से आता है और इसका cost of production सिर्फ 3 डालर का है ! और यहाँ लाकर वो 3 से 5 लाख रुपए में बेचते है और ऐसे लूटते हैं आपको !

(3) और एक बार अटैक में एक स्टंट डालेंगे। दूसरी बार दूसरा डालेंगे । डाक्टर को कमीषन है इसलिए वे बार बार कहता हैं एंजियोप्लास्टी करवाओ !! इस लिए कभी मत करवाए !

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4 :- तो फिर आप बोलेंगे हम क्या करे ?

(1) आप इसका आयुर्वेदिक इलाज करे बहुत बहुत ही सरल है ! पहले आप एक बात जान ली जिये ! एंजियोप्लास्टी आपरेशन कभी किसी का सफल नहीं होता !! क्यूंकि डाक्टर जो स्प्रिंग दिल की नली में डालता है !! वो स्प्रिंग बिलकुल चमद के स्प्रिंग की तरह होता है और कुछ दिन बाद उस स्प्रिंग की दोनों साइड आगे और पीछे फिर ब्लॉकेज जमा होनी शुरू हो जाएगी ! और फिर दूसरा टूटैक आता है और डाक्टर आपको फिर कहता है। एंजियोप्लास्टी आपरेशन करवाओ ! और इस तरह आपके लाखो रूपये लूटता है और आपकी जदिगी इसी में निकाल जाती है ! ! ! अब पढिये इसका आयुर्वेदिक इलाज !!

(2) हमारे देश भारत में 3000 साल एक बहुत बड़े ऋषि हुये थे उनका नाम था महाऋषि वागवट जी उन्होने एक पुस्तक लिखी थी जिसका नाम है अष्टांग हृदयम !! और इस पुस्तक में उन्होने ने बीमारियो को ठीक करने के लिए 7000 सूत्र लिखे थे ! ये उनमे से ही एक सूत्र है बागवट जी लिखते है कि कभी भी हर। को घात हो रहा है। मतलब दिल की नलियो में ब्लॉकेज होना शुरू हो रहा है ! तो इसका मतलब है कि रक्त (ब्लड) में एसिडिटी (अमलता) बढ़ी हुई है !

(3) अमलता (एसिडिटी) दो तरह की होती है, एक होती है पेट कि अमलता और एक होती है रक्त की अमलताआपके पेट में अमलता जब बढ़ती है ! तो आप कहेंगे पेट में जलन सी हो रही है !! खट्टी खट्टी डकार आ रही है ! मुंह से पानी निकाल रहा है। और अगर ये अमलता और बढ़ जाये तो हाइपर एसिडिटी होगी। और यही पेट की अमलता बढ़ते-बढ़ते जब रक्त में आती है तो रक्त अमलता (ब्लड एसिडिटी) होती !!

5 :-ब्लड में एसिडिटी

और जब ब्लड में एसिडिटी बढ़ती है तो ये अमलीय रक्त (ब्लड) दिल की नलियो में से निकल नहीं पाता ! और नलिया में ब्लॉकेज कर देता है। तभी दिल का दौरा होता है !! इसके बिना दिल का दौरा नहीं होता !! और ये आयुर्वेद का सबसे बढ़ा सच है जिसको कोई डाक्टर आपको बताता नहीं ! क्यूंकि इसका इलाज सबसे सरल है !!

इलाज क्या है ?? (Chuna)

वागबट जी लिखते है कि जब रक्त (ब्लड) में अमलता (एसिडिटी) बढ़ गई है। तो आप ऐसी चीजों का उपयोग करो जो छारीय है !

आप जानते है दो तरह की चीजे होती है ।

अमलीय और छारीय (acid and एल्कलाइन) !!

अब अमल और छार को मिला दो तो न्यूट्रल (उदासीन) होता है सब जानते है !!

तो वागबट जी लिखते है। कि रक्त कि अमलता बढ़ी हुई है तो छारीय एल्कलाइन) चीजे खाओ ! तो रक्त की अमलता (एसिडिटी) न्यूट्रल (उदासीन) हो जाएगी और रक्त में अमलता न्यूट्रल (उदासीन) हो गई। तो दिल का दौरा की जिंदगी में कभी संभावना ही नहीं !! ये है सारी कहानी !!

अब आप पूछोगे जी ऐसे कौन सी चीजे है जो छारीय है और हम खाये ????? आपके रसोई घर में सुबह से शाम तक ऐसी बहुत सी चीजे है जो छारीय है ! जिनहे आप खाये तो कभी दिल का दौरा ना आए ! और अगर आ गया है ! तो दुबारा ना आए !!

सबसे ज्यादा आपके घर में छारीय चीज है वह है लोकी !! जिसे दुदी भी कहते है !! अंग्रेजी में इसे कहते है bottle gourd !!! जिसे आप सब्जी के रूप में खाते है ! इससे ज्यादा कोई छारीय चीज ही नहीं है ! तो आप रोज लोकी का रस निकाल-निकाल कर पियो !! या कच्ची लोकी खायो !!

रोज 200 से 300 मिलीग्राम पियो, सुबह खाली पेट (toilet जाने के बाद) पी सकते है या नाश्ते के आधे घंटे के बाद पी सकते है !!

इस लोकी के रस को आप और ज्यादा छारीय बना सकते है। इसमे 7 से 10 पत्ते के तुलसी के डाल लो तुलसी बहुत छारीय है !! इसके साथ आप पुदीने से 7 से 10 पत्ते मिला सकते है ! पुदीना बहुत छारीय है ! इसके साथ आप काला नमक या सेंधा नमक जरूर डाले ! ये भी बहुत छारीय है !! लेकिन याद रखे नमक काला या सेंधा ही डाले। वो दूसरा आयोडीन युक्त नमक कभी ना डाले !! ये आयोडीन युक्त नमक अम्लीय है !!!! तो मित्रो आप इस लोकी के जूस का सेवन जरूर करे !! 2 से 3 महीने आपकी सारीीमंतज की ब्लॉकेज ठीक कर देगा !! 21 वे दिन ही आपको बहुत ज्यादा असर दिखना शुरू हो जाएगा !!!

लौकी परीक्षण

ये केसे पता करें की लोकी असली है या इंजेक्शन लगे हुई है !

आप लोग लोकी पर नाखून लगाकर देख लीजिये की नाखून पूरा आंदर जाता है या नही

* अगर नाखून पूरा अंदर जाता है तो लोकी असली है

* अगर नाखून पूरा अंदर नही जाता है और वह पर केवल निशान बन जाता है तो लोकी इंजेक्शन लगाई गई लोकी है

6 :- चूना(Chuna) सत्तर बीमारी ठीक कर करता है

चूना (Chuna) जो आप पान में खाते है वो सत्तर बीमारी ठीक कर देते है

(1 ) जैसे किसी को पीलिया हो जाये माने जोंडिस उसकी सबसे अच्छी दवा है चूना या गेहूँ के दाने के बराबर चूना गन्ने के रस में मिलाकर पिलाने से बहुत जल्दी पीलिया ठीक कर देता है। और यही चूना नपुंसकता की सबसे अच्छी दवा है अगर किसी के शुक्राणु नही बनता उसको अगर गन्ने के रस के साथ चूना पिलाया जाये तो साल देड साल में भरपूर शुक्राणु बन्ने लगेंगे या और जिन माताओं के शरीर में अन्डे नही बनते उनकी बहुत अच्छी दवा है चूना ।

(2)  बिद्यार्थीयों के लिए चूना बहुत अच्छी है जो लम्बाई बढाती है – गेहूँ के दाने के बराबर चूना रोज दही में मिलाकर खाना चाहिए, दही नही है तो दाल में मिलाकर खाओ, दाल नही है तो पानी में मिलाकर पियो इससे लम्बाई बढ़ने के साथ साथ स्मरण शक्ति भी बहुत अच्छा होता है। जिन बच्चो की बुद्धि कम काम करती है मतिमंद बच्चे उनकी सबसे अच्छी दवा है चूना, जो बच्चे बुद्धि से कम है, दिमाग देर में काम करते है, देर में सोचते है हर चीज उनकी स्लो है उन सभी बच्चे को चूना खिलाने से अच्छे हो जायेंगे ।

(3)  बहिनों को अपने मासिक धर्म के समय अगर कुछ भी तकलीफ होती हो तो उसका सबसे अच्छी दवा है चूना । और हमारे घर में जो माताएं है जिनकी उम्र पचास वर्ष हो गयी और उनका मासिक धर्म बंध हुआ उनकी सबसे अच्छी दवा है चुनाय गेहूँ के दाने के बराबर चूना हरदिन खाना दाल में, लस्सी में, नहीं तो पानी में घोल के पीना ।

6 :- चूना (Chuna) सत्तर बीमारी ठीक कर करता है

(1)  जब कोई माँ गर्भावस्था में है तो चूना (Chuna) रोज खाना चाहिए किउंकि गर्भवती माँ को सबसे जादा काल्सियम की जरुरत होती है और चूना कैल्सियम का सब्से बड़ा भंडार है। गर्भवती माँ को चूना खिलाना चाहिए अनार के रस में अनार का रस एक कप और चूना गेहूँ के दाने के बराबर ये मिलाके रोज पिलाइए नौ महीने तक लगातार दीजिये तो चार फाईदे होंगे कोई तकलीफ नहीं होगी और नोर्मल डेलीभरी होगा, दूसरा बच्छा जो पैदा होगा वो बहुत हस्ट-पुष्ट और तंदरुस्त होगा, तीसरा फायदा वो बच्छा जिन्दगी में जल्दी बीमार नहीं पड़ता जिसकी माँ ने चूना खाया, और चौथा सबसे बड़ा लाभ है वो बच्छा बहुत होसियार होता है बहुत प्दजमससपहमदज और ठतपससपंदज होता है उसका प्फ बहुत अच्छा होता है। पहला फाईदा होगा के माँ को बच्चे के जन्म के समय 

(2)  चूना घुटने का दर्द ठीक करता है, कमर का दर्द ठीक करता है, कंधे का दर्द ठीक करता है, एक खतरनाक बीमारी है Spondylitis वो चुने से ठीक होता है। कई बार हमारे रीढ़ की हड्डी में जो मनके होते है उसमे दुरी बढ़ जाती है ळंच आ जाता है ये चूना ही ठीक करता है रीड़ की हड्डी की सब बीमारिया चुने से ठीक होता है। अगर आपकी हड्डी टूट जाये तो टूटी हुई हड्डी को जोड़ने की ताकत सबसे जादा चुने में है। चूना खाइए सुबह को खाली पेट ।

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(3) अगर मुह में ठंडा गरम पानी लगता है तो चूना खाओ बिलकुल ठीक हो जाता है, मुह में अगर छाले हो गए है तो चुने का पानी पियो तुरन्त ठीक हो जाता है। शारीर में जब खून कम हो जाये तो चूना जरुर लेना चाहिए, अनीमिया है खून की कमी है उसकी सबसे अच्छी दवा है ये चूना,(Chuna) चूना पीते रहो गन्ने के रस में, या संतरे के रस में नही तो सबसे अच्छा है अनार के रस में अनार के रस में चूना पिए खून बहुत बढता है, बहुत जल्दी खून बनता है एक कप अनार का रस गेहूँ के दाने के बराबर चूना सुबह खाली पेट ।

(4)भारत के जो लोग चुने से पान खाते है, बहुत होसियार लोग है पर तम्बाकू नहीं खाना, तम्बाकू जहर है और चूना अमृत है, तो चूना खाइए तम्बाकू मत खाइए और पान खाइए चुने का उसमे कत्था मत लगाइए. कत्था केन्सर करता है, पान में सुपारी मत डालिए सोंट डालिए उसमे, इलाइची डालिए, लोंग डालिए केशर डालिए ये सब डालिए पान में चूना लगाके पर तम्बाकू नहीं, सुपारी नहीं और कत्था नही । अगर आपके घुटने में घिसाव आ गया और डॉक्टर कहे के घुटना बदल दो तो भी जरुरत नही चूना खाते रहिये और हाड़सिंगार के पत्ते का काड़ा खाइए घुटने बहुत अच्छे काम करेंगे। राजीव भाई कहते है चूना खाइए पर चूना (Chuna) लगाइए मत किसको भी

ये चूना (Chuna) लगाने के लिए नही है खाने के लिए है आजकल हमारे देश में चूना लगाने वाले बहुत है पर ये भगवान ने खाने के लिए दिया है।

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