सी.पी.पी.(Cow Pat Pit) या गाय के ताजे गोबर क खाद

खेत म:-1.25 कलो ाम खाद लेकर 37.5 लटर पानी म मलाय एवं 20 मनट तक घड़ी क दशा एवं उलट दशा म चलाय। इसके छडकाव के समय बी० डी० 500 भी मलाया जा सकता है। इसे खेत म एक वष म चार बार तक दया जा सकता है। अगर खेत म नमी रहे तो इतनी मा ा एक हे टेयर के लए पयात है। पौध पर छडकाव:- पांच कलो ाम खाद ल जो एक हे० के लए पयात हो| इसे 60 लटर

सी.पी.पी. (गाय गोबर खाद) निर्माण सामग्री एवं विधि

1. सामग्री (आवश्यक चीजें)

  • गाय का ताजा गोबर: 70-80 किलोग्राम

  • अंडे के छिलके का पाउडर: 200 ग्राम

  • पत्थर का चूना: 200 ग्राम

  • बायोडायनामिक कंपोस्ट (BD कंपोस्ट): 3 सेट

  • जली हुई ईंट का चूरा: 200 ग्राम

  • जूट का बोरा: 1

2. निर्माण विधि (कदम-दर-कदम)

चरण 1: गड्ढा तैयार करें

  • आकार: 3 फुट लंबा × 2 फुट चौड़ा × 1 फुट गहरा

  • स्थान: ऊँची जगह जहाँ पानी न जमे, छाया रहित

  • गड्ढे की दीवार: ईंटों की दो परतें बनाएँ, नीचे ईंट न बिछाएँ


चरण 2: गोबर को मिलाएँ

    1. गोबर को साफ करके उसमें अंडे के छिलके का पाउडर और पत्थर का चूना मिलाएँ

    2. 1 घंटे तक अच्छी तरह मिलाएँ

    3. मिश्रण को गड्ढे में भरें

चरण 3: बायोडायनामिक कंपोस्ट डालें

      1. गड्ढे में 5 छेद बनाएँ (एक-दूसरे से दूर)

      2. प्रत्येक छेद में 3 ग्राम BD कंपोस्ट (502-507) डालें

      3. छेदों को गोबर से ढक दें

चरण 4: BD 507 का छिड़काव

  • BD 507 को 1.5 लीटर पानी में घोलें

  • 10 मिनट तक हिलाकर गड्ढे में छिड़कें

  • जूट के बोरे से ढक दें

3. रखरखाव एवं तैयारी


    • 20 दिन बाद: गोबर को निकालकर 30 मिनट तक मिलाएँ, फिर दोबारा भरें

    • कुल समय: 60-70 दिन (3 बार उलट-पलट करने के बाद)

    • तैयार खाद: गहरे भूरे रंग की, मिट्टी जैसी गंध वाली


4. उपयोग के तरीके

    1. खेत में:

      • 1.25 किलो खाद + 37.5 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें

      • प्रति हेक्टेयर 4 बार/साल

    2. पौधों पर छिड़काव:

      • 5 किलो खाद + 60 लीटर पानी में घोलकर सुबह छिड़कें

    3. बीज शोधन:

      • बीजों पर खाद छिड़ककर छाया में सुखाएँ

    4. पेड़ों पर लेप:

      • कटे हुए तनों पर लगाने से रोग नहीं लगते


5. लाभ

      • मिट्टी की उर्वरता बढ़ाता है

      • कीटनाशकों की आवश्यकता कम करता है

      • पौधों की जड़ वृद्धि तेज करता है

      • जैविक खेती के लिए आदर्श

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